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शेनाज ट्रेजरी: मुंबई की वो अदाकारा जो फेस ब्लाइंडनेस के बावजूद चमकी!

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शेनाज ट्रेजरी की प्रेरणादायक यात्रा

मुंबई, 28 जून। शेनाज ट्रेजरी की कहानी किसी फिल्म की पटकथा से कम नहीं है। उनका जीवन एक ऐसी किताब है, जिसमें हर पन्ना नई चुनौतियों और अद्भुत अनुभवों से भरा हुआ है। 29 जून 1981 को एक पारसी परिवार में जन्मी शेनाज का सफर बेहद प्रेरणादायक रहा है।


शेनाज की यात्रा मुंबई से शुरू होती है, जहां एक साधारण पारसी लड़की ने अपने बड़े सपनों के साथ कॉलेज की किताबों को छोड़कर ग्लैमर की दुनिया में कदम रखा। कॉलेज के दिनों में एक फोटोग्राफर की नजर ने उन्हें मॉडलिंग की दुनिया में ला खड़ा किया। यह वह क्षण था जब किस्मत ने उनके दरवाजे पर दस्तक दी। शेनाज ने मॉडलिंग में कदम रखा और जल्द ही कई प्रमुख ब्रांड्स के विज्ञापनों में उनकी मुस्कान की चमक देखने को मिली।


एमटीवी के 'मोस्ट वॉन्टेड' शो में वीडियो जॉकी के रूप में शामिल होकर शेनाज ने लाखों दिलों को जीत लिया। उन्होंने 2001 में तेलुगू फिल्म 'एडुरुलेनी मनीशी' से अभिनय की शुरुआत की। इसके बाद 2003 में उन्होंने बॉलीवुड में 'इश्क विश्क' के जरिए डेब्यू किया, जिसमें उनका किरदार 'आलिया' दर्शकों के दिलों में बस गया। यह फिल्म न केवल शाहिद कपूर और अमृता राव के लिए महत्वपूर्ण थी, बल्कि उनके लिए भी सफलता के दरवाजे खोलने में सहायक रही।


शेनाज की जिंदगी में एक अनोखी चुनौती है, जिसे प्रोसोपैग्नोसिया या फेस ब्लाइंडनेस कहा जाता है। यह एक न्यूरोलॉजिकल स्थिति है, जिसमें व्यक्ति को चेहरों की पहचान करने में कठिनाई होती है। लेकिन उन्होंने इस चुनौती को अपने सपनों के रास्ते में बाधा नहीं बनने दिया।


शेनाज ने इस स्थिति को अपनी कमजोरी नहीं बनने दिया। उन्होंने अपने आस-पास के लोगों की आवाज़ और हाव-भाव को समझना सीख लिया, जो उनकी मेथड एक्टिंग की ट्रेनिंग का हिस्सा बन गया। यह प्रशिक्षण उन्होंने न्यूयॉर्क के ली स्ट्रासबर्ग थिएटर में प्राप्त किया, जहां उन्होंने न केवल अभिनय की बारीकियों को सीखा, बल्कि लेखन का कोर्स भी किया।


शेनाज की जिंदगी का एक और पहलू उनकी यात्रा का जुनून है। एक्ट्रेस, वीजे और लेखक होने के साथ-साथ वह एक घुमक्कड़ भी हैं। उनके सोशल मीडिया पोस्ट और यात्रा व्लॉग्स दुनिया भर के लोगों को प्रेरित करते हैं।


वह कहती हैं, "दुनिया के हर कोने में एक कहानी छिपी है और मैं बस उन कहानियों को खोजने निकल पड़ती हूं।" 'दिल्ली बेली', 'लवयात्री', और 'रेडियो' जैसी फिल्मों में उनके किरदारों ने साबित किया है कि वह हर भूमिका में कुछ नया लाती हैं। शेनाज का असली जादू उनकी सादगी और साहस में है।


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